वन्दे मातरम्!
सुजलाम सुफलाम मलयज शीतलाम
सस्य श्यामलाम मातरम्॥
शुभ्र ज्योत्स्ना पुलकित यामिनीम्
फुल्ल कुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्
सुखदाम वरदाम मातरम्॥
वन्दे मातरम्!
सप्त कोटि कण्ठ कल-कल निनाद कराले
द्विसप्त कोटि भुजैर्धृत खरकरवाले
अबला केनो माँ एतो बले
बहुबल धारिणीम् नमामि तारिणीम्
रिपुदल वारिणीम् मातरम्॥
वन्दे मातरम्!
तुमि विद्या तुमि धर्म
तुमि हृदि तुमि मर्म
त्वम् हि प्राणाः शरीरे
बाहुते तुमि माँ शक्ति
हृदये तुमि माँ भक्ति
तोमारै प्रतिमा गडि
मन्दिरे-मन्दिरे मातरम्॥
वन्दे मातरम्!
वंदे मातरम गीत के बोल हिंदी में क्या हैं?
वंदे मातरम गीत के बोल हिंदी में निम्नलिखित हैं:
वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलां मातरम्।
वन्दे मातरम्।
शुभ्रज्योत्स्ना पुलकितयामिनीम्
फुल्लकुसुमित द्रुमदलशोभिनीम्,
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम्
सुखदां वरदां मातरम्।
वन्दे मातरम्।
वंदे मातरम का अर्थ क्या है?
वंदे मातरम का शाब्दिक अर्थ है “माँ, मैं तुझे प्रणाम करता हूँ”। यह गीत मातृभूमि के प्रति सम्मान और श्रद्धा व्यक्त करता है।
वंदे मातरम गीत किसने लिखा था?
वंदे मातरम गीत बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने लिखा था। यह उनके उपन्यास “आनंदमठ” में पहली बार प्रकाशित हुआ था।
वंदे मातरम गीत की भाषा क्या है?
वंदे मातरम गीत संस्कृत और बांग्ला भाषा का मिश्रण है।
वंदे मातरम का महत्व क्या है?
वंदे मातरम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक प्रेरणास्रोत गीत था। यह गीत भारतीय जनता को एकजुट करने और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा देता था।
वंदे मातरम को राष्ट्रीय गीत का दर्जा कब मिला?
वंदे मातरम को 24 जनवरी 1950 को भारत के राष्ट्रीय गीत का दर्जा दिया गया था।
वंदे मातरम का पूरा गीत कितना लंबा है?
वंदे मातरम गीत के मूल रूप में 6 पद हैं, लेकिन सामान्यतः पहले दो पद ही अधिक प्रसिद्ध हैं और गाए जाते हैं।
वंदे मातरम गीत का संगीत किसने तैयार किया?
वंदे मातरम गीत का संगीत पहली बार रवींद्रनाथ टैगोर ने तैयार किया था। बाद में कई अन्य संगीतकारों ने भी इसे अपने-अपने तरीके से संगीतबद्ध किया।
वंदे मातरम गीत कहाँ से लिया गया है?
वंदे मातरम गीत बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास “आनंदमठ” से लिया गया है। यह उपन्यास 1882 में प्रकाशित हुआ था।
वंदे मातरम गीत का उपयोग किस प्रकार होता है?
वंदे मातरम गीत का उपयोग विभिन्न राष्ट्रीय और सांस्कृतिक आयोजनों में किया जाता है। इसे विशेष रूप से स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर
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